खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर, 2022 का राशियों पर प्रभाव
ग्रस्तास्त खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर,2022 ईस्वी।
कार्तिक कृष्णा अमावस्या मंगलवार 25 अक्टूबर 2022 ईसवी को (भारत के सुदूरवर्ती पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश , पूर्वी आसाम के गुवाहाटी नगर से दाएं और तथा मेघालय राज्य के नल को छोड़कर ) ग्रस्तास्त खंडग्रास ग्रहण के रूप में दिखाई देगा। पूर्वी भारत को छोड़कर समस्त भारत में यह ग्रस्तास्त रूप में देखा जाएगा। भारत मैं ग्रहण का मोक्ष होने से पूर्व ही सूर्यास्त हो जाएगा।
यह सूर्य ग्रहण भूमंडल पर भारतीय मानक समयानुसार दोपहर बाद 2-29 से सायं 6-32 के मध्य होगा। जो यूरोप, उ • पूर्व अफ्रीका, उत्तरी हिंद महासागर, पश्चिम एशिया स्थित देश यथा भारत, श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान,ईराक, फ्रांस, जर्मनी, इजरायल, स्वीडन, नार्वे आदि देशों में दिखाई देगा। पर भारत में सायं 4-15 से सायं 5-30 बजे के मध्य अलग-अलग समय पर दिखाई देना आरंभ करेगा। जो सूर्यास्त तक दिखाई देता रहेगा।
इस ग्रहण का सूतक 25 अक्टूबर 2022 के सूर्य उदय से पहले रात्रि 2:29 बजे से प्रारंभ हो जाएगा। भारत में ग्रहण का सूतक सूर्य उदय पूर्व 4-15 से प्रारंभ होगा।
सूतक काल में धार्मिक जनों को भोजन आदि नहीं करना चाहिए। पर बच्चे, वृद्ध व रोगियों को इस बाध्यता से मुक्त रखा गया है। यद्यपि कुछ विद्वानों के अनुसार ग्रस्तास्त ग्रहण में सूर्योदय काल से वेध माना जाना चाहिए।
ग्रहण काल में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए :- ग्रहण के सूचक और ग्रहण काल में स्नान, दान ,जप ,पाठ, मंत्र स्तोत्र पाठ , अनुष्ठान, तीर्थ स्नान,यज्ञ हवन आदि और आदित्य हृदय स्तोत्र व सूर्याष्टक स्तोत्र के लगातार पाठ करना शुभ व कल्याणकारी होता है।
ग्रहण काल में पका हुआ अन्न , कटी हुई सब्जियां दूषित हो जाती है। पर तेल या घी में पका हुआ अन्य, घी,तेल,दूध दही, लस्सी , मक्खन,पनीर, आचार, मुरब्बा आदि में कुशा तृण रखदेने से दूषित नहीं होते ।ग्रस्त सूर्य को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।कालेग्लास लगे हुए चश्मे से देखा सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को ग्रसित सूर्य की छाया से दूर रहना चाहिए। ग्रहण काल में सोना , खाना, तेल मर्दन मूत्रोत्सर्ग वह नाखून काटना आदि वर्जित है।
सूर्य ग्रहण पर हरिद्वार, कुरुक्षेत्र,प्रयाग, सरयू नर्मदा, क्षिप्रा आदि पवित्र व तीर्थ स्थानों तथा जयपुर ( राजस्थान) में गलता तीर्थ स्थानों पर धर्मपरायण लोगों को स्नान ,दान व तर्पणादि का विशेष महत्व है।
ग्रस्तास्त सूर्य ग्रहण का फल :-
ग्रस्तास्त सूर्य ग्रहण देश में अशान्ति, वातावरण को दूषित करना,उपद्रव , भूखमरी और निकटवर्ती राष्ट्रो द्वारा सीमाओं का उल्लंघन,कूट - कपट की साज़िश होती है । देश में अग्नि कांड, चोरी, डैकती , बलात्कार उपद्रव,जातिय व धार्मिक आधार पर घृणा आदि की घटनाएं अधिक होंगी। महंगाई के कारण जनता त्रस्त होगी।
राशिफल -- यह ग्रहण स्वाति नक्षत्र वह तुला राशि में हो रहा है। अतः,तुला राशि व स्वाति नक्षत्र में जन्मे लोगों को विशेष अशुभ फल देने वाला रहेगा।
मेष : पति/ पत्नी को कष्ट ,वृष : रोग व चिंता , मिथुन: व्यवहार व कार्यो में अड़चन, कर्क : कार्य सिद्धि , सिंह: भौतिक सुख सुविधाओं में वृद्धि , कन्या : धन हानि , तुला: दुर्घटना व चोटआदिभय ।बृश्चिक :धनहानि , धनु: लाभ व उन्नति।मकर : रोग व कष्ट। कुंभ: संतान संबंधी चिंता
मीन : शत्रु भय ,साथारण लाभ ।
ज्योतिर्विद् : घनश्यामलाल स्वर्णकार
संस्थापक ,प्रबंध निदेशक एवं एवं सचिव
श्री रामानुज ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र जयपुर ( राजस्थान )
9414047008 , 7023847008
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